भारत के संबिधान के रचियता थे डॉ भीमराव आम्बेडकर जिनका जन्म सैन्य छावनी मऊ ( मध्यप्रदेश में)हुआ था. वे रामजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वी व अंतिम संतान थे. उनका परिवार एक मराठी परिवार था | वे महार जाति से संबंध रखते थे, जो अछूत कहे जाते थे और उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था।
अम्बेडकर जी के परिवार में लोग लम्बे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे और उनके पिता, भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में सूबेदार पद पर थे . अम्वेडकर जी को कड़ी मेहनत की शिक्षा अपने पिता से ही मिली | स्कूली पढाई में अच्छे होने पर भी दलित बच्चो को विद्यालय में अलग बिठाया जाता था और अध्यापको द्वारा भी भेदभाव किया जाता था |
दलित बच्चो को कक्षा में अंदर बैठने की अनुमति नहीं थी और प्यास लगने पर कोई उची जाती का बिद्यार्थी दलित जाती के बिद्यार्थी को पानी ऊपर से दाल कर पिलाता था | दलित बिद्यार्थी को पानी का बर्तन छूने की अनुमति नहीं थी | जिससे कई बार भीमराव आम्बेडकर को प्यासा ही रह जाना पड़ता |
1894 में उनके पिता सेवा निवर्त हो गए और सतारा में जाकर बस गए वहां उनकी माता अम्बेडकर की मां की मृत्यु हो गई। इन कठिन समय में भीमराव आम्बेडकर केवल तीन भाई , बलराम, आनंदराव और भीमराव और दो बहन मंजुला और तुलासा ही जीवित बच पाये। अपने एक शिक्षक महादेव अम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे के कहने उनके पिता ने 1898 मे पुनर्विवाह कर लिया और परिवार के साथ मुंबई आ गए । यहाँ अम्बेडकर गवर्न्मेंट हाई स्कूल के पहले अछूत छात्र बने। 1907 में मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद अम्बेडकर ने बंबई विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और वह भारत में कॉलेज में प्रवेश लेने वाले पहले दलित बन गये।
अम्बेडकर की शादी एक नौ वर्षीय लड़की, रमाबाई से तय की गयी थी। 1912 में उन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में अपनी डिग्री प्राप्त की और बड़ौदा राज्य सरकार की नौकरी को तैयार हो गये। उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम यशवंत रखा गया । और कुछ ही समय बाद उनके पिता की मृत्यु २ फरवरी 1913 को हो गयी।
अम्बेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय से P.H.D. की डिग्री प्राप्त की |
भीमराव अंबेडकर को बाबासाहब के नाम से पुकारते थे | वे एक भारतीय न्यायशास्त्री, अर्थशास्त्री, राजनेता और सामाजिक सुधारक थे |
1927 में अम्बेडकर ने छुआछूत के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया। उन्होंने सार्वजनिक आंदोलनों द्वारा प्रेय जल और मंदिरो को सबके लिए खुलवाने के लिए बहुत मेहनत करी ।
13 अक्टूबर 1935 को, अम्बेडकर जी को लॉ कॉलेज का प्रधानचार्य नियुक्त किया गया । उनके निजी पुस्तकालय मे 50000 से अधिक पुस्तकें थीं।1937 में उनकी पत्नी रमाबाई की एक लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई।
1940 में अम्बेडकर की तबियत खराब हो गयी उन्हें बहुत कम नीद आती थी , 1948 से अम्बेडकर मधुमेह रोग हो गया ।अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो बहुत कमज़ोर हो गए राजनीतिक मुद्दों से परेशान अम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया । और 6 दिसम्बर 1956 को अम्बेडकर की मृत्यु हो गई। 7 दिसंबर को बौद्ध शैली मे उनका अंतिम संस्कार किया गया |
डॉ. अम्बेडकर द्वारा किये गए महान कार्य
31 जनवरी 1920 को एक साप्ताहिक अख़बार “मूकनायक” शुरू किया
1924 में बाबासाहेब ने दलितों को समाज में अन्य वर्गों के बराबर स्थान दिलाने के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की।
1932 को गांधीजी और डॉ. अम्बेडकर के बीच एक संधि हुई जो ‘पूना संधि’ के नाम से जानी जाती है।
अगस्त 1936 में “स्वतंत्र लेबर पार्टी ‘की स्थापना की।
1937 में डॉ. अम्बेडकर ने कोंकण क्षेत्र में पट्टेदारी को ख़त्म करने के लिए विधेयक पास करवाया|
भारत के आज़ाद होने पर डॉ. अम्बेडकर को संविधान की रचना का काम सौंपा गया | फरवरी 1948 को अम्बेडकर ने संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया और जिसे २६ जनबरी 1949 को लागू किया गया।
1951 में डॉ. अम्बेडकर ने कानून मंत्री के पद से त्याग पत्र दे दिया| जय हिंद
अम्बेडकर जी के परिवार में लोग लम्बे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे और उनके पिता, भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में सूबेदार पद पर थे . अम्वेडकर जी को कड़ी मेहनत की शिक्षा अपने पिता से ही मिली | स्कूली पढाई में अच्छे होने पर भी दलित बच्चो को विद्यालय में अलग बिठाया जाता था और अध्यापको द्वारा भी भेदभाव किया जाता था |
दलित बच्चो को कक्षा में अंदर बैठने की अनुमति नहीं थी और प्यास लगने पर कोई उची जाती का बिद्यार्थी दलित जाती के बिद्यार्थी को पानी ऊपर से दाल कर पिलाता था | दलित बिद्यार्थी को पानी का बर्तन छूने की अनुमति नहीं थी | जिससे कई बार भीमराव आम्बेडकर को प्यासा ही रह जाना पड़ता |
1894 में उनके पिता सेवा निवर्त हो गए और सतारा में जाकर बस गए वहां उनकी माता अम्बेडकर की मां की मृत्यु हो गई। इन कठिन समय में भीमराव आम्बेडकर केवल तीन भाई , बलराम, आनंदराव और भीमराव और दो बहन मंजुला और तुलासा ही जीवित बच पाये। अपने एक शिक्षक महादेव अम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे के कहने उनके पिता ने 1898 मे पुनर्विवाह कर लिया और परिवार के साथ मुंबई आ गए । यहाँ अम्बेडकर गवर्न्मेंट हाई स्कूल के पहले अछूत छात्र बने। 1907 में मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद अम्बेडकर ने बंबई विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और वह भारत में कॉलेज में प्रवेश लेने वाले पहले दलित बन गये।
अम्बेडकर की शादी एक नौ वर्षीय लड़की, रमाबाई से तय की गयी थी। 1912 में उन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में अपनी डिग्री प्राप्त की और बड़ौदा राज्य सरकार की नौकरी को तैयार हो गये। उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम यशवंत रखा गया । और कुछ ही समय बाद उनके पिता की मृत्यु २ फरवरी 1913 को हो गयी।
अम्बेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय से P.H.D. की डिग्री प्राप्त की |
भीमराव अंबेडकर को बाबासाहब के नाम से पुकारते थे | वे एक भारतीय न्यायशास्त्री, अर्थशास्त्री, राजनेता और सामाजिक सुधारक थे |
1927 में अम्बेडकर ने छुआछूत के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया। उन्होंने सार्वजनिक आंदोलनों द्वारा प्रेय जल और मंदिरो को सबके लिए खुलवाने के लिए बहुत मेहनत करी ।
13 अक्टूबर 1935 को, अम्बेडकर जी को लॉ कॉलेज का प्रधानचार्य नियुक्त किया गया । उनके निजी पुस्तकालय मे 50000 से अधिक पुस्तकें थीं।1937 में उनकी पत्नी रमाबाई की एक लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई।
1940 में अम्बेडकर की तबियत खराब हो गयी उन्हें बहुत कम नीद आती थी , 1948 से अम्बेडकर मधुमेह रोग हो गया ।अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो बहुत कमज़ोर हो गए राजनीतिक मुद्दों से परेशान अम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया । और 6 दिसम्बर 1956 को अम्बेडकर की मृत्यु हो गई। 7 दिसंबर को बौद्ध शैली मे उनका अंतिम संस्कार किया गया |
डॉ. अम्बेडकर द्वारा किये गए महान कार्य
31 जनवरी 1920 को एक साप्ताहिक अख़बार “मूकनायक” शुरू किया
1924 में बाबासाहेब ने दलितों को समाज में अन्य वर्गों के बराबर स्थान दिलाने के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की।
1932 को गांधीजी और डॉ. अम्बेडकर के बीच एक संधि हुई जो ‘पूना संधि’ के नाम से जानी जाती है।
अगस्त 1936 में “स्वतंत्र लेबर पार्टी ‘की स्थापना की।
1937 में डॉ. अम्बेडकर ने कोंकण क्षेत्र में पट्टेदारी को ख़त्म करने के लिए विधेयक पास करवाया|
भारत के आज़ाद होने पर डॉ. अम्बेडकर को संविधान की रचना का काम सौंपा गया | फरवरी 1948 को अम्बेडकर ने संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया और जिसे २६ जनबरी 1949 को लागू किया गया।
1951 में डॉ. अम्बेडकर ने कानून मंत्री के पद से त्याग पत्र दे दिया| जय हिंद
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