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Tuesday, December 19, 2017

जीवन में बड़ा बनना चाहते हो तो 1 चीज को अाज ही त्याग दें, inspirational story

दोस्तो इस दुनिया में हर आदमी सफल होना चाहता है ऐसा कोई भी आदमी नहीं है जो अमीर बनना नहीं चाहता है जिसके कोई सपने ना हो सफलता हर किसी को प्राप्त नहीं हो पाती है आज आपको पता चल जाएगा ज्यादातर लोग अपने जीवन में क्यों सफल नहीं हो पाते आज मैं आपको छोटी सी कहानी बताने जा रहा हूं।
एक दाशमिक अपने शिष्य के साथ कहीं जा रहे थे चलते चलते  दोनों एक जगह पर रुक गए। दोनों को बहुत प्यास लगी थी। तो वे खेतों के बीचों बीच बने टूटे फूटे घर के पास पहुंचे और दरवाजा खटखटाया क्षेत्र काफी अच्छा और उपजाऊ लग रहा था । लेकिन खेत की हालत देखकर ऐसा लगता था कि उनका मालिक   खेत पर जरा भी ध्यान नहीं देता है।

घर के अंदर से एक आदमी निकला उसमें उसकी पत्नी और 3 बच्चे भी थे सभी फटे पुराने कपड़े पहने थे। दाशमिक बोला क्या हमें पानी मिल सकता है बड़ी प्यास लगी है आदमी ने पानी दिया फिर दाशमिक ने बोला मैं देख रहा हूं कि आपका खेत बहुत बड़ा है लेकिन इसमें कोई फसल नहीं  है। आखिर आप लोगों का गुजारा कैसे चलता है वह आदमी बोला हमारे पास एक भैंस है जो काफी सारा दूध देती है। दूध बेचकर कुछ पैसे मिल जाते हैं और बच्चे दूध को पीकर, हमारा गुजारा चल जाता है।रात बहुत हो गई थी और दोनों रात को वहीं रुक गए आधी रात को दाशमिक ने शिष्य को उठाया और बोला चलो हमें यहां से चलना है। और चलने से पहले हमें उस आदमी की भैंस को चट्टान से गिरा कर मार डालना है। शिष्य को गुरु की बात पर यकीन नहीं हो रहा था। बल्कि आश्चर्य हुआ लेकिन वह उनकी बात को टाल भी नहीं सकता था इसलिए दोनों भैंस को मार कर रातों-रात गायब हो गए। यह घटना शिष्य के मन में बैठ गई। करीब 10 साल बाद वह सफल आदमी बन गया तब उसने सोचा क्यों ना अपनी गलती को सुधारने के लिए उस आदमी से मिला जाए उसकी आर्थिक मदद की जाए अपनी कार से खेत की तरफ पहुंचा तो उसने देखा वह खेत फलों के बगीचे में बदल चुका था।शिष्य को लगा की शायद भैंस मरने के बाद वह सब कुछ बेच कर चला गया होगा इसलिए वह वापस लौटने लगा तभी उसने उस आदमी को देखा फिर से बोला शायद आप मुझे पहचान नहीं पाए सालों पहले मैं आपसे मिला था हां हां कैसे भूल सकता हूं उस दिन को आप लोग तो बिना बताए ही चले गए। और उस दिन ना जाने कैसे हमारी भैंस चट्टान से गिरकर मर गई उसके  बाद कुछ दिन तो समझ नहीं आया कि अब क्या करें पर जीने के लिए कुछ तो करना ही था तो लकड़ियां काट कर बेचने लगा उससे कुछ पैसे हुए तो खेत में बुवाई कर दी। फसल अच्छी हुई तो फसल बेच कर जो पैसे मिले उससे फलों की बगीची लगवा दिए।
यह काम अच्छा चल पड़ा और इस समय में आसपास के हजारों गांव में सबसे बड़ा फलों का व्यापारी हूं सचमुच यह सब ना होता अगर उस रात भैंस की मौत ना हुई होती शिष्य बोला लेकिन यह काम आप पहले भी तो कर सकते थे आदमी बोला लेकिन तब जिंदगी बिना मेहनत किए चल रही थी। कभी लगा  नहीं कि मेरे अंदर इतना सब करने की क्षमता है तो कोशिश ही नहीं की लेकिन जब भैंस मर गई तो दो हाथ पांव मारने पड़े। दोस्तो यही आपकी भी जिंदगी में तो कोई ऐसी भैंस नहीं है जो आपको अपनी जिंदगी बेहतर बनाने में रोक रही है उस भैंस ने तो कहीं आप को बांधकर तो नहीं रखा जरा सोचिए। अगर आपको लगे कि ऐसा है तो हिम्मत कीजिए उस रस्सी को काट दीजिए और आजाद हो जाइए। और आपके पास खोने के लिए बहुत थोड़ा है पर पाने के लिए सारा जहान है।

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